33% महिला आरक्षण बिल से बढ़ेगी महिलाओं की ताकत
इस चुनाव में लागू नहीं होगा फॉर्मूला; छत्तीसगढ़ में टिकट बंटवारे में दिख सकता है असर
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रायपुर : लोकसभा में 128वां संविधान संशोधन बिल यानी नारी शक्ति वंदन विधेयक बुधवार को एक तिहाई बहुमत के साथ लोकसभा में पास हो गया है। बिल के समर्थन में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। जिसमें लोकसभा और राज्यों की विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33% आरक्षण का प्रावधान किया गया है।
हालांकि इस साल छत्तीसगढ़ समेत 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में ये फॉर्मूला लागू नहीं होगा। लेकिन टिकट बंटवारे में इसका असर दिख सकता है।
जानकारी के मुताबिक 33% महिला आरक्षण के संविधान संशोधन विधेयक आज राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जिसके पास होने के लिए दो-तिहाई बहुमत जरूरी होगा। परिसीमन के बाद ही ये बिल देश में लागू होगा, वहीं विधेयक पारित होने के बाद जो भी पहली जनगणना होगी, उसके आधार पर परिसीमन होगा।
छत्तीसगढ़ में विधेयक का क्या होगा असर :
छत्तीसगढ़ विधानसभा में 90 विधानसभा सीटें हैं। 33% आरक्षण मिलने के बाद महिलाओं के लिए इनमें से 30 सीटें आरक्षित हो सकती हैं। ऐसे में सभी राजनीतिक दलों को कम से कम 30 महिला प्रत्याशियों को टिकट देना जरूरी होगा। जिससे विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या बढ़ जाएगी।
राज्य बनने के बाद से अब तक महिला विधायकों की संख्या :
छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा में 90 में से 6 सीटों पर महिला विधायक थीं। वहीं, दूसरी विधानसभा में भी 6 महिला विधायक जीत कर आई थीं। इसके बाद तीसरी विधानसभा में ये आंकड़ा दोगुना हो गया। इस दौरान 90 में से कुल 12 सीटों पर महिला विधायकों ने जीत हासिल की।
चौथी विधानसभा की बात की जाए तो इस दौरान 90 में से 10 सीटों पर महिला विधायक जीतकर आईं। प्रदेश की पांचवी विधानसभा में 90 में से 16 सीटों पर महिला विधायक हैं। जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
विधानसभा में महिला विधायकों की मौजूदा स्थिति :
वर्तमान में छत्तीसगढ़ विधानसभा में महिला विधायकों की संख्या 16 है, जिनमें कांग्रेस की 13, BJP की 1, BSP की 1 और JCCJ की 1 विधायक है। इनमें से कांग्रेस की 3 विधायक उपचुनाव जीतकर पहुंचीं हैं।
BJP की टिकट पर केवल 1 ही महिला प्रत्याशी को मिली थी जीत :
2018 में हुए विधानसभा चुनाव में BJP ने 13 महिलाओं को टिकट दी थी। जिनमें से केवल एक ही महिला प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। धमतरी से रंजना साहू ने कांग्रेस के गुरुमुख सिंह होरा को शिकस्त दी। बाकी 12 महिला प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा। इनमें पूर्व मंत्री लता उसेंडी भी शामिल थीं।
कांग्रेस की टिकट से 10 महिला प्रत्याशी जीते थे, 3 उपचुनाव में जीते :
2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की 10 महिला प्रत्याशियों ने जीत हासिल की थी। जबकि दंतेवाड़ा सीट से देवती कर्मा और राजनांदगांव से करुणा शुक्ला को हार का सामना करना पड़ा था। इसी चुनाव में कसडोल से कांग्रेस की प्रत्याशी रही शकुंतला साहू ने तत्कालीन विधानसभा स्पीकर गौरीशंकर अग्रवाल को बड़े अंतर से हराया था।
5 उपचुनावों में कांग्रेस ने 3 और BJP ने 1 महिला प्रत्याशी को उतारा :
2018 के विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में 5 उपचुनाव हुए। पहला दंतेवाड़ा, दूसरा चित्रकोट, तीसरा मरवाही, चौथा खैरागढ़ और पांचवा उपचुनाव
कांग्रेस ने दंतेवाड़ा, खैरागढ़ और भानुप्रतापपुर में महिला प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारा। जबकि बीजेपी ने केवल दंतेवाड़ा सीट में हुए उपचुनाव में दिवंगत विधायक भीमा मंडावी की पत्नी ओजस्वी मंडावी को मौका दिया।
विधायक भीमा मंडावी की हत्या के बाद खाली हुई दंतेवाड़ा सीट पर कांग्रेस ने 2018 में पार्टी की प्रत्याशी रही देवती कर्मा पर ही भरोसा जताया। देवती कर्मा ने ओजस्वी को 11 हजार 331 वोटों से हराया। इसी तरह खैरागढ़ में से JCCJ विधायक देवव्रत सिंह के निधन के बाद खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस की यशोदा वर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी कोमल जंघेल को शिकस्त दी और ये सीट कांग्रेस के खाते में गई।
इसके बाद विधानसभा उपाध्यक्ष रहे मनोज मंडावी के निधन के बाद खाली हुई भानुप्रतापपुर सीट में हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने उनकी पत्नी सावित्री मंडावी को टिकट दी और उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी BJP बीजेपी के ब्रह्मानंद नेताम को 21,171 मतों के अंतर से हराया।
मंत्रिमंडल में केवल एक ही महिला को मिली जगह :
महिलाओं को मंत्री बनाने के मामले में कांग्रेस की सरकार भी BJP के ही रास्ते पर चली। 2018 में कांग्रेस में 13 महिला विधायक होने के बाद भी केवल एक ही महिला विधायक अनिला भेंडिया को कैबिनेट में जगह दी गई।
छत्तीसगढ़ में 15 साल तक रही रमन सरकार में भी महिलाओं को कैबिनेट में प्रतिनिधित्व का मौका कम दिया गया। सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में लता उसेंडी को महिला बाल विकास और खेल विभाग की जिम्मेदारी दी गई। तीसरे कार्यकाल में हार के बाद रमशीला साहू को महिला बाल विकास विभाग दिया गया और अब मौजूदा सरकार में अनिला भेंडिया इसी विभाग की जिम्मेदारी सम्भाल रही हैं।
BJP की पहली लिस्ट में 5 महिला प्रत्याशी :
छत्तीसगढ़ में इसी साल होने वाले चुनाव के लिए BJP ने 21 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में 5 महिलाओं को मौका दिया है।
चुनाव में किंगमेकर की भूमिका :
छत्तीसगढ़ में मतदाताओं की कुल संख्या 1.97 करोड़ है। इसमें पुरुष वोटर 98.2 लाख जबकि महिला मतदाता की संख्या 98.5 लाख है। दिव्यांग वोटर्स 1.47 लाख और थर्ड जेंडर मतदातों की संख्या 762 है।
चुनाव आयोग के जारी आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में इससे पहले हुए विधानसभा चुनावों में महिला वोटर्स की संख्या पुरुषों के मुकाबले कम थी। लेकिन इस बार महिला वोटरों की संख्या पुरुषों से 30 हजार ज्यादा है। जिसका सीधा सा मतलब है कि इस बार विधानसभा चुनाव में महिलाएं किंगमेकर की भूमिका में हो सकती हैं।